हार तब नहीं होती,
जब हार जाते है
बल्कि हार तब होती है,
जब हार मान जाते है।
निराश हो कर
हार मान जाना
सफलता के रास्ते
बंद कर देता है
सपने और लक्ष्यों को
मंझधार मे छोड़ देता है
हार मानने से पहले
पुनः प्रयास करो
आशावादी बनो और
अभ्यास करो
भूपेंद्र रावत
मैं लिखूँगा तुम्हें मैं गढ़ूँगा क़सीदे तुम्हारे — तुम्हारे इतराने पर, तुम्हारे रूठ कर चले जाने पर, तुम्हारी मुस्कान में छुपी उजली धूप पर, औ...
True
ReplyDeleteVery nice
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