हार तब नहीं होती,
जब हार जाते है
बल्कि हार तब होती है,
जब हार मान जाते है।
निराश हो कर
हार मान जाना
सफलता के रास्ते
बंद कर देता है
सपने और लक्ष्यों को
मंझधार मे छोड़ देता है
हार मानने से पहले
पुनः प्रयास करो
आशावादी बनो और
अभ्यास करो
भूपेंद्र रावत
शारीरिक दिव्यांगता: चुनौतियाँ, समाधान और सामाजिक पुनर्वास शारीरिक दिव्यांगता केवल शारीरिक अंगों की सीमितता नहीं है, बल्कि यह सामाजिक स्वीकृ...
True
ReplyDeleteVery nice
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