ज़िंदगी मे एक दोस्त तो, ऐसा भी होना चाहिए
जिसके पास हर दर्द के लिए एक मरहम होना चाहिए
कर सको अपने मन की बात जिससे तुम
काँधे मे सिर रख, उसके रो सको तुम
दूर हो, फिर भी दूरी का एहसास न हो
मौन हो अधर, लेकिन प्यासे जज़्बात न हो
अंदर की व्यथा को वो जान ले
हंसी के पीछे छिपे आँसुओ को पहचान ले,
रूह की माफिक साथ खड़ा नज़र वो आए
वक़्त की आंधियों में वो साथ निभाए,
भूपेंद्र रावत