अंत होगा दुनिया का
लुप्त होती मानवता के
अंत के पश्चात
और इस अंत के साथ
शुरुआत होगी
भावनाओं से रहित
रोबोट युग की
इस आर्टिफिशियल दुनिया मे
जब नहीं होगा,
मानवता का अस्तित्व,
बस शेष रहेगा इतिहास
पन्नों और अजायबघरों में
रोबोटों की दुनिया में,
नहीं होगी भावना
नहीं होगा प्रेम,
नहीं होगी करुणा
केवल होगी मशीनें,
जो करेंगी काम
बिना थके, बिना रुके.
क्या होगा मानवता का भविष्य?
क्या होगा हमारे अस्तित्व का परिणाम?
क्या हम खो जाएंगे
होमो सेपियंस की भाँति
इस आर्टिफिशियल दुनिया में?
या हम ढूंढ पाएंगे अपना स्थान?
मानवता को बचाने के लिए
ढूँढने होंगे,
इन सवालों के जवाब,
मानव को
आर्टिफिशियल दुनिया में,
हमें बनाना होगा अपना रास्ता
और करने होंगे प्रयास
मानवता को बचाने के लिए,
ताकि हम बचा सकें
अपना अस्तित्व
रोबोट की दुनिया में।