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Monday, February 24, 2025

माँ का प्यार: सबसे बड़ा खजाना

एक दिन, एक छोटा बच्चा स्कूल से घर लौटता है। उसका चेहरा उदासी और गुस्से से भरा हुआ था। घर पहुँचते ही उसने अपनी मम्मी से शिकायत भरे लहजे में कहा,

"माँ, आज मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि उसके मम्मी-पापा उसे हर दिन नए खिलौने दिलाते हैं। उनके पास हर वो चीज़ है जो वो चाहता है। लेकिन आप लोग हमेशा बहाने बना लेते हो या फिर कहते हो कि बाद में दिलाएँगे। उनके मम्मी-पापा कितने अच्छे हैं और आप लोग तो कभी भी मेरी बात नहीं मानते। आप लोग तो बिल्कुल भी अच्छे नहीं हो!"

यह सुनकर माँ का दिल टूट गया। गुस्से और दुख के मिलेजुले भाव से माँ ने कहा,

"अगर तुझे ऐसा लगता है कि हम अच्छे नहीं हैं, तो बेटा, तुम अपने दोस्त के घर ही चले जाओ।"

बच्चा चुपचाप अपने कमरे में चला गया। कुछ समय बाद, माँ ने देखा कि बच्चा रो रहा है। वह उसके पास गई, उसका सिर सहलाया और धीरे से बोली,

"बेटा, क्या तुम जानते हो कि हम तुम्हारे लिए कितनी मेहनत करते हैं? तुम्हारे पापा दिन-रात काम करते हैं ताकि तुम्हारी ज़रूरतें पूरी कर सकें। हम तुम्हारे हर सपने को पूरा करना चाहते हैं, लेकिन कभी-कभी हमारे पास उतने पैसे नहीं होते। इसका मतलब यह नहीं कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते। हमारे लिए सबसे बड़ा खजाना तुम्हारी खुशी और मुस्कान है।"

बच्चा माँ की बात सुनकर चुप हो गया। उसकी आँखों में आँसू थे। उसने माँ को गले लगाते हुए कहा,

"माँ, मुझे माफ कर दो। मुझे अब समझ आ गया कि आप और पापा ही सबसे अच्छे हैं। आप लोग मेरे लिए हर दिन कितनी मेहनत करते हो। मैं अब कभी ऐसी बात नहीं कहूँगा।"

माँ ने प्यार से उसे गले लगाते हुए कहा,

"बेटा, हमारा प्यार उन खिलौनों से कहीं बड़ा है जो तुम्हें कभी भी खरीद कर नहीं मिल सकता।"

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सीख:

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि माता-पिता का प्यार और उनकी मेहनत सबसे बड़ा उपहार होती है। भौतिक वस्तुएं तो समय के साथ खो जाती हैं, लेकिन माता-पिता का समर्पण और त्याग हमेशा हमारे जीवन में अमूल्य रहता है।

Sunday, February 23, 2025

प्रेरणादायक कहानी: आदर्शों की तस्वीरें

 प्रेरणादायक कहानी: आदर्शों की तस्वीरें    https://youtu.be/Qky6pG2cIL8



एक दिन, एक छोटा बच्चा अपने घर की दीवार पर टंगी तस्वीरों को बड़े ध्यान से देख रहा था। उसने देखा कि उसके मम्मी-पापा हर दिन एक विशेष तस्वीर के सामने दीप जलाते हैं और हाथ जोड़कर पूजा करते हैं।

थोड़ी देर बाद, उसने जिज्ञासावश अपनी माँ से पूछा,

"माँ, आप लोग इस तरफ टंगी हुई फोटो की पूजा करते हो, लेकिन दूसरी तरफ टंगी हुई फोटो की क्यों नहीं करते?"

माँ और पापा दोनों ही उसके सवाल से हैरान रह गए। माँ ने प्यार से बेटे को पास बुलाया और बोली,

"बेटा, जिन तस्वीरों की हम पूजा करते हैं, वे हमारे भगवान हैं। हम उनसे आशीर्वाद मांगते हैं और उनका सम्मान करते हैं।"

बेटा फिर मासूमियत से बोला,

"और दूसरी तरफ की तस्वीरों का क्या मतलब है?"

इस बार पापा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,

"बेटा, ये तस्वीरें उन महान लोगों की हैं जो हमारे जैसे ही इंसान थे, लेकिन अब इस दुनिया में नहीं हैं।"

बच्चा थोड़ी देर तक सोच में पड़ गया और फिर पूछा,

"अगर वे अब इस दुनिया में नहीं हैं, तो फिर हमने उनकी तस्वीरें घर में क्यों लगाई हैं?"

पापा ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए समझाया,

"बेटा, ये लोग हमारे देश और समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। इन्होंने अपने जीवन में ऐसे महान कार्य किए, जिनकी वजह से हमारा देश आगे बढ़ा। ये हमारे आदर्श हैं। उनकी तस्वीरें हमंम यह याद दिलाती हैं कि हमें भी उनके बताए रास्तों पर चलना चाहिए और अच्छा इंसान बनना चाहिए।"

बच्चा अब समझ गया था। उसने गहरी साँस लेते हुए कहा,

"तो मतलब हमें भगवान से आशीर्वाद लेना चाहिए और इन महान लोगों से प्रेरणा?"

माँ-पापा दोनों ने खुशी से सिर हिलाया।

उस दिन उस बच्चे ने न केवल तस्वीरों के महत्व को समझा, बल्कि यह भी जाना कि भगवान हमें सही मार्ग दिखाते हैं, और हमारे आदर्श हमें उस मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

सीख:

यह कहानी सिखाती है कि बच्चों की जिज्ञासाएँ कभी-कभी हमें जीवन की बड़ी सच्चाइयों को समझाने का अवसर देती हैं। यह भी बताती है कि भगवान से आशीर्वाद और आदर्शों से प्रेरणा लेकर ही हम सही मायनों में जीवन को सफल बना सकते हैं।

https://youtu.be/Qky6pG2cIL8https://youtu.be/Qky6pG2cIL8

पाथिक (भूपेंद्र)

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