"माँ, आज मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि उसके मम्मी-पापा उसे हर दिन नए खिलौने दिलाते हैं। उनके पास हर वो चीज़ है जो वो चाहता है। लेकिन आप लोग हमेशा बहाने बना लेते हो या फिर कहते हो कि बाद में दिलाएँगे। उनके मम्मी-पापा कितने अच्छे हैं और आप लोग तो कभी भी मेरी बात नहीं मानते। आप लोग तो बिल्कुल भी अच्छे नहीं हो!"
यह सुनकर माँ का दिल टूट गया। गुस्से और दुख के मिलेजुले भाव से माँ ने कहा,
"अगर तुझे ऐसा लगता है कि हम अच्छे नहीं हैं, तो बेटा, तुम अपने दोस्त के घर ही चले जाओ।"
बच्चा चुपचाप अपने कमरे में चला गया। कुछ समय बाद, माँ ने देखा कि बच्चा रो रहा है। वह उसके पास गई, उसका सिर सहलाया और धीरे से बोली,
"बेटा, क्या तुम जानते हो कि हम तुम्हारे लिए कितनी मेहनत करते हैं? तुम्हारे पापा दिन-रात काम करते हैं ताकि तुम्हारी ज़रूरतें पूरी कर सकें। हम तुम्हारे हर सपने को पूरा करना चाहते हैं, लेकिन कभी-कभी हमारे पास उतने पैसे नहीं होते। इसका मतलब यह नहीं कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते। हमारे लिए सबसे बड़ा खजाना तुम्हारी खुशी और मुस्कान है।"
बच्चा माँ की बात सुनकर चुप हो गया। उसकी आँखों में आँसू थे। उसने माँ को गले लगाते हुए कहा,
"माँ, मुझे माफ कर दो। मुझे अब समझ आ गया कि आप और पापा ही सबसे अच्छे हैं। आप लोग मेरे लिए हर दिन कितनी मेहनत करते हो। मैं अब कभी ऐसी बात नहीं कहूँगा।"
माँ ने प्यार से उसे गले लगाते हुए कहा,
"बेटा, हमारा प्यार उन खिलौनों से कहीं बड़ा है जो तुम्हें कभी भी खरीद कर नहीं मिल सकता।"
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सीख:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि माता-पिता का प्यार और उनकी मेहनत सबसे बड़ा उपहार होती है। भौतिक वस्तुएं तो समय के साथ खो जाती हैं, लेकिन माता-पिता का समर्पण और त्याग हमेशा हमारे जीवन में अमूल्य रहता है।