मैं लिखूँगा तुम्हें

 मैं लिखूँगा तुम्हें मैं गढ़ूँगा क़सीदे तुम्हारे — तुम्हारे इतराने पर, तुम्हारे रूठ कर चले जाने पर, तुम्हारी मुस्कान में छुपी उजली धूप पर, औ...