Sunday, February 2, 2025

मान दे माँ, सम्मान दे माँ

मान दे माँ, सम्मान दे माँ 
सृष्टि को वरदान दे माँ
दर पर तेरे बैठे, हम सब
हे, वाणिश्वरी, 
जीवन को हमारे 
तान दे माँ
हे, आदिशक्ति, ज्ञान की देवी
ज्ञान का भंडार दे माँ
तिमीर फैला है चारों ओर
हे, बुद्धिदात्री
ज्ञान की ज्योति का उपहार दे माँ
मूर्ख को विद्वान बना दे 
हे, वरदायनी
समस्त जग को ऐसा वरदान दे माँ 
शिवानुजा, मुरारी वल्लभा, तुम कहलाती
चारों ओर तुम हो समाती
प्रज्वालित तुम ज्ञान का दीपक कर जाती
जग को तुम ही चलाती.


भूपेंद्र रावत 




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