स्त्री जिन्होने निस्वार्थ
प्रेम किया पुरुष से
समर्पित कर दिया
स्वयं के जीवन को
उनकी दास्तां को
रखा गया अमर
उनमे से कुछ बनी मीरा,
तो कुछ यशोधरा,
तथा कुछ को जाना गया
राधा के नाम से
परंतु जिन स्त्रियों ने
बाहरी मोह मे
त्याग दिया स्त्री के
स्त्रीत्त्व और ममत्व को
अपने प्रेम से
ज्यादा तवज्जो दी
भौतिक सुख,
अपने स्वार्थ को
उनके लिए निजात हुआ
एक नया शब्द
उनके व्यक्तित्व को
परिभाषित करने के लिए
जरूरत पड़ी
उपसर्ग “बे” की
जिसे जोड़ा गया
“वफा” से पूर्व
और इस तरह बनी
“बेवफ़ा”
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