Sunday, February 9, 2025

मैंने देखा है विशाल पर्वतों को सूक्ष्म होते हुए।




मैंने सुना है, बुजुर्गों से 

पहाड़ नहीं होते बूढ़े 

वो कल भी अटल थे 

आज भी अटल है 

और भविष्य मे भी ऐसे ही रहेंगे 

लेकिन मैंने महसूस की है 

उजड़ते हुए पहाड़ की पीड़ा 

कभी नहीं देखा मैंने 

खोखले होते पहाड़ को चीखते

और चिल्लाते हुए 

बल्कि मैंने देखा है उन्हें   

भूस्खलन के रूप मे 

नीचे खिसकते हुए

समतल बनते हुए 

मैंने देखा है 

विशाल पर्वतों को 

सूक्ष्म होते हुए।  

 



भूपेंद्र रावत 


 

2 comments:

Chapter: Democratic Rights – (Class 9 Civics)

 Chapter: Democratic Rights – (Class 9 Civics) 1. Life Without Rights Rights are what make us free and equal in a democracy. Without rights,...