Thursday, September 4, 2025

शिक्षक दिवस

शिक्षक बिन जीवन नहीं 

शिक्षक बिन नहीं ज्ञान 

शिक्षक बिन अधूरा है

हम सब का सम्मान 

शिक्षक ने ही तो बढ़ाया है 

देश का मान 

शिक्षक ही तो है, हम सब की पहचान

मामूली से पाषाण को 

स्वर्ण बना दिया 

निर्थक से जीवन को 

तुमने अर्थ है दिया

तिमिर से हरकर 

राह से हमारी,

हमारे जीवन मे तुमने प्रकाश भर दिया।   



गलतियों को हमारी स्वीकार किया,

जीवन हमारा संवार दिया।

ज्ञान का दीप जलाकर तुमने,

जीवन को हमारे सार दिया।



पथ के काँटों को तुमने क्षण भर में उखाड़ दिया,

हर अंधियारे को तुमने उजाले से निखार दिया।

विषम परिस्थितियों से लड़ना सिखाया तुमने  

जीवन के हर पथ पर डटकर जीना  बताया तुमने ।


काँटों की बगिया में सदा मुस्कान सजाई तुमने,

सपनों की डगर पर राह दिखाई तुमने।

सफलता की सीढ़ी को चंद कदमों मे बदलकर 

असंभव सी दूरी सरल बनाई तुमने। 


आधार हमारा बनाया तुमने 

राह पर चलना सिखाया तुमने

डगमगाते हुए कदमों को 

पथ मे संभलना सिखाया तुमने।  


ओ गुरुदेव! तुम हमारे पथ-प्रदर्शक,

तुमसे ही जीवन बना उज्ज्वल और दर्पक।

तुम्हारे ऋण से हम उऋण न हो पाएँगे,

तुम्हारी शिक्षाएँ जीवनभर अपनाएँगे।



भूपेंद्र रावत 

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