दृश्य और श्रवण दिव्यांगता: एक समावेशी समाज की ओर
भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में दृश्य और श्रवण दिव्यांग व्यक्ति भी समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं। इनमें दृश्य (Visual) और श्रवण (Hearing) दिव्यांगता अत्यंत सामान्य और चुनौतीपूर्ण रूप में देखी जाती है। इन व्यक्तियों को समाज में समान अवसर देना हमारा नैतिक कर्तव्य के साथ एक संवैधानिक कर्तव्य भी है।
दृश्य दिव्यांगता (Visual Disability)
1. दृष्टिहीनता (Blindness):- यह वह स्थिति है जहाँ व्यक्ति बिल्कुल भी देख नहीं सकता। भारत में लाखों लोग इस श्रेणी में आते हैं।
2. कम दृष्टि (Low Vision):- ऐसे लोग जिनकी दृष्टि आंशिक रूप से कमजोर होती है लेकिन विशेष उपकरणों या सहायता से पढ़ने-लिखने आदि में समर्थ हो सकते हैं।
श्रवण दिव्यांगता (Hearing Disability)
1. बहरापन (Deafness):- इस स्थिति में व्यक्ति पूरी तरह से सुनने में असमर्थ होता है, और सामान्य श्रवण संवाद करना कठिन होता है।
2. कम सुनाई देना (Hard of Hearing):- इसमें व्यक्ति को सुनने में कुछ कठिनाई होती है लेकिन सहायता उपकरणों के जरिए बेहतर संवाद कर सकते हैं।
3. बधिर-बोल न सकने वाले (Deaf and Mute):- ये ऐसे व्यक्ति होते हैं जो जन्म से या प्रारंभिक अवस्था से ही न तो सुन सकते हैं और न बोल सकते हैं।
दृश्य और श्रवण दिव्यांगता के निम्नलिखित कारण हो सकते है
- जन्म से (जैसे अनुवांशिक विकार या जटिल प्रसव)
- संक्रमण (जैसे रूबेला, मीज़ल्स आदि)
- पोषण की कमी
- चोट, दुर्घटना या संक्रमण
- बुज़ुर्ग अवस्था में क्षीण होती दृष्टि या श्रवण क्षमता
निदान और जांच
- नेत्र परीक्षण केंद्र और श्रवण क्लिनिक
- ऑडियोमेट्री, आई टोनोमेट्री, स्क्रीनिंग टेस्ट्स
- नवजात शिशुओं की शीघ्र स्क्रीनिंग से प्रारंभिक पहचान संभव
पुनर्वास और आधुनिक तकनीक
दृश्य दिव्यांगों के लिए:
- ब्रेल लिपि, स्मार्ट केन, ऑडियोबुक्स, टॉकिंग कैलकुलेटर, Braille Reader
- Voice to Text Apps, Screen Reader Software (NVDA, JAWS)
- OCR तकनीक (Optical Character Recognition) जो किताबों को ऑडियो में बदलती है
श्रवण दिव्यांगों के लिए:
- हियरिंग एड्स, कोक्लियर इम्प्लांट्स
- साइन लैंग्वेज एप्स (जैसे SignAble, ISLRTC Tools)
- Speech-to-text converters, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित संवाद एप्स
शिक्षा और सशक्तिकरण
- समावेशी शिक्षा नीति (Inclusive Education Policy)
- विशेष शिक्षक (Special Educators) और संसाधन कक्ष
- स्कूलों में ब्रेल किताबें, ऑडियो पाठ्यक्रम, इंटरप्रेटर
- प्रतियोगी परीक्षाओं में अतिरिक्त समय, स्क्राइब सुविधा
समाज, स्कूल, सरकार और अभिभावक की भूमिका
समाज:
- संवेदनशीलता और सहयोग की भावना विकसित करना
- भेदभाव को खत्म करना और समान अवसर प्रदान करना
स्कूल:
- विशेष उपकरण, विशेष शिक्षा
- शिक्षक प्रशिक्षण
- छात्र के अनुसार लचीली मूल्यांकन प्रणाली
सरकार:
- RPWD Act, 2016 के तहत अधिकारों की सुरक्षा
- निशुल्क उपकरण योजना (ADIP), शिक्षा व छात्रवृत्ति योजनाएँ
- Sugamya Bharat Abhiyan, Accessible India Campaign
- हेल्पलाइन और विकलांगता प्रमाण पत्र की ऑनलाइन सुविधा
अभिभावक:
- शुरुआती पहचान और इलाज में सक्रिय होना
- घर में सकारात्मक माहौल बनाना
- विशेष जरूरतों को समझना और सहयोग करना
सक्षम बनाने के लिए प्रयास:
- तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल साक्षरता
- स्वरोजगार के अवसर, स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम
- लोकलुभावन नीति, जो इनकी स्वतंत्रता को बढ़ावा दें
- सकारात्मक मीडिया प्रतिनिधित्व, जिससे आत्मविश्वास बढ़े
हमें यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि दृश्य और श्रवण दिव्यांग व्यक्ति भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। अगर बिना किसी भेदभाव के इन्हे भी सही तकनीक, सहयोग और अवसर दिए जाएँ तो ये भी सामान्य लोगों कि भांति, सामान्य जीवन जी सकते हैं और देश तथा समाज के विकास में समान योगदान दे सकते हैं। हम सब के एकजुट प्रयासों से ही एक समावेशी, सशक्त और संवेदनशील समाज की रचना संभव है।
Weldone 👍👍
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