एक साधारण बच्चा, जिसने दुनिया बदल दी
हम सब विविधता से घिरे हुए हैं। हर कक्षा में हमें तरह-तरह के बच्चे देखने को मिलते हैं—कोई अमीर, कोई गरीब; कोई बहुत तेज, तो कोई थोड़ा धीमा। लेकिन इन सबके बीच एक बात समान होती है—हर बच्चा अपने भीतर एक छिपी हुई प्रतिभा लिए रहता है।
आज की कहानी भी ऐसे ही एक बच्चे की है, जिसे पढ़ाई में “आलसी” और “लापरवाह” कहकर अक्सर अनदेखा किया जाता था। उसके स्कूल में शिक्षक भी उससे परेशान रहते थे, और आखिरकार एक दिन उसे स्कूल से निकाल दिया गया।
उसकी माँ ने मजबूरी में उसे खेतों में काम पर लगा दिया। लेकिन खेती से उसे बेहद नफ़रत थी। उसका मन तो कहीं और था—इतिहास, विज्ञान और दुनिया को समझने की ओर। वह खेतों में काम करता जरूर था, लेकिन उसका मन हमेशा जिज्ञासा और सवालों से भरा रहता था।
फिर भी उसने हार नहीं मानी। परिस्थितियाँ उसके खिलाफ थीं, लेकिन उसका धैर्य उसके साथ था। धीरे-धीरे उसकी पढ़ाई में रुचि बढ़ने लगी। वह देर रात तक बैठकर किताबें पढ़ता, नोट्स बनाता, और खुद से नए-नए प्रयोग करता।
समय बीतता गया और किसी तरह उसने बारहवीं की परीक्षा पास कर ली। आगे की पढ़ाई आसान नहीं थी—घर की आर्थिक हालत बहुत खराब थी। लेकिन उसकी मेहनत और लगन ने उसे हार नहीं मानने दी। उसने कॉलेज में दाखिला भी लिया और साथ ही अपने खर्चों को पूरा करने के लिए छोटे-मोटे काम भी करने लगा।
दिन में काम, रात में पढ़ाई—वह थकता जरूर था, लेकिन रुकता कभी नहीं था।
इसी बीच एक दिन एक बड़ी समस्या पूरे देश पर छा गई। हालात इतने खराब थे कि लोग भविष्य को लेकर असमंजस में थे। लेकिन वह युवक फिर भी अपने सपनों पर डटा रहा। इसी कठिन दौर में उसके मन में कई वैज्ञानिक विचार जन्म लेने लगे।
इन्हीं सोच-विचारों और अथक मेहनत के बीच उसने कुछ ऐसे अद्भुत अविष्कार किए, जिन्होंने पूरे संसार को बदल दिया।
उसने देखा—एक सेब पेड़ से गिरा…
दूसरों के लिए यह आम बात थी, लेकिन उसके भीतर सवाल उठा—आख़िर सेब नीचे ही क्यों गिरता है? ऊपर क्यों नहीं जाता?
यहीं से जन्म हुआ गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का।
उसने गणित को एक नया रूप दिया…
समस्याओं को हल करने के लिए उसने एक बिल्कुल नई शाखा बनाई—
कैलकुलस — जिसने विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग को नया जीवन दे दिया।
प्रकाश को समझने के नए तरीके खोजे…
उसने पाया कि सफेद प्रकाश सात रंगों का मिश्रण है।
यह खोज प्रकाशिकी (Optics) की दुनिया में क्रांति थी।
धीरे-धीरे वह साधारण सा बच्चा ऐसा वैज्ञानिक बन गया जिसने दुनिया को नया दृष्टिकोण दिया। उसकी मेहनत, जिज्ञासा और धैर्य ने असंभव को संभव बना दिया।
वह बच्चा और कोई नहीं, बल्कि सर आइज़क न्यूटन थे—जिन्होंने इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा दिया।
कहानी की सीख
कभी-कभी सबसे साधारण दिखने वाले बच्चे भी असाधारण काम कर जाते हैं। बस जरूरत है—
✔ उनके मन की रुचि समझी जाए
✔ उन्हें सही दिशा दी जाए
✔ और उनका उत्साह कभी टूटने न दिया जाए
हर बच्चे में एक चमक होती है।
अगर हम उसे पहचान लें—
तो वही बच्चा दुनिया को रोशन कर सकता है।
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