Thursday, July 24, 2025

मानसिक व्यवहार संबंधी विकार: पहचान, उपचार और पुनर्वास की दिशा में सामूहिक प्रयास

 मानसिक व्यवहार संबंधी विकार: पहचान, उपचार और पुनर्वास की दिशा में सामूहिक प्रयास

आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली, बढ़ते सामाजिक दबाव और बदलते संबंधों की जटिलता ने मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर चुनौती दी है। मानसिक व्यवहार संबंधी विकार, जिन्हें आमतौर पर मानसिक रोग (Mental Illness) कहा जाता है, समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर सकते हैं।

इनमें प्रमुख रूप से अवसाद (Depression), स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia), बायपोलर डिसऑर्डर, चिंता विकार (Anxiety Disorders) आदि शामिल हैं।

मानसिक रोग: क्या और क्यों?

मानसिक रोग मस्तिष्क के उस कार्य में गड़बड़ी का परिणाम होते हैं जो हमारे सोचने, समझने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। इसके कारण जैविक (Biological), मनोवैज्ञानिक (Psychological) और सामाजिक (Social) हो सकते हैं:

  • जैविक कारण: मस्तिष्क की रासायनिक असंतुलन, आनुवंशिकता (Genetics)
  • मनोवैज्ञानिक कारण: आघात (Trauma), बचपन के अनुभव
  • सामाजिक कारण: अकेलापन, बेरोज़गारी, रिश्तों में तनाव, गरीबी आदि

मानसिक रोगों को रोकने और प्रबंधन हेतु उपाय

1. मेडिकल उपचार (Medical Intervention):

  • मनोचिकित्सा (Psychotherapy): जैसे Cognitive Behavioural Therapy (CBT), Talk Therapy
  • दवाइयाँ (Medication): एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटीसाइकोटिक्स आदि
  • नियमित मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और फॉलो-अप

2. अभिभावकों की भूमिका:

  • बच्चों की भावनात्मक ज़रूरतों को समझना
  • खुला संवाद और सहयोगी वातावरण देना
  • समय पर व्यवहार में बदलाव को पहचानना

3. शिक्षकों की भूमिका:

  • स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना
  • बच्चों के व्यवहार में बदलाव को पहचान कर उचित मार्गदर्शन देना
  • विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को सहयोग देना

4. समाज की भूमिका:

  • मानसिक रोगों से जुड़े कलंक (Stigma) को दूर करना
  • सहायता समूह (Support Groups) और सामुदायिक केंद्रों की स्थापना
  • जागरूकता अभियान, कार्यशालाएं और चर्चा मंच

5. सरकार की भूमिका:

  • सरकारी अस्पतालों में मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
  • मानसिक स्वास्थ्य नीति और योजना बनाना (जैसे भारत की National Mental Health Programme)
  • निःशुल्क परामर्श सेवाओं की उपलब्धता
  • मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार
  • पुनर्वास (Rehabilitation): स्वस्थ जीवन की ओर एक नई शुरुआत

1. शैक्षिक पुनर्वास (Educational Rehabilitation):

  • स्कूल छोड़ चुके या विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षा केंद्र
  • ऑनलाइन या वैकल्पिक शिक्षा की सुविधा

2. व्यवसायिक पुनर्वास (Vocational Rehabilitation):

  • व्यावसायिक प्रशिक्षण (Skill Training) जैसे कंप्यूटर, सिलाई, कारीगरी आदि
  • स्वरोज़गार हेतु ऋण सहायता
  • मानसिक रूप से अस्वस्थ रहे व्यक्तियों को रोजगार में अवसर देना

3. सामाजिक पुनर्वास (Social Rehabilitation):

  • परिवार और मित्रों से जुड़ाव को बढ़ावा देना
  • पुनः सामान्य जीवन में लौटने में सहायता करना
  • कला, संगीत, योग, ध्यान आदि से मानसिक शांति प्राप्त करना

निष्कर्ष:

किसी व्यक्ति का मानसिक रोग से ग्रसित होना किसी तरह का  कोई अपराध या कमजोरी नहीं है, बल्कि यह एक चिकित्सीय स्थिति (Medical Condition) है, जिसकी सही समय पर पहचान करके उपचार संभव है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सब जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मानवता, समझ और समर्थन के साथ आगे आएं।

समाज, परिवार, शिक्षा व्यवस्था, चिकित्सा क्षेत्र और सरकार आदि सभी का एकजुट साझा प्रयास ही मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। और समाज के वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ सकता है। 

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