आज के तेज़ी से बदलते समय में केवल बुद्धिमत्ता (IQ) ही किसी व्यक्ति की सफलता की पहचान नहीं है। बल्कि एक और महत्वपूर्ण गुण इमोशनल इंटेलिजेंस या भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EQ) भी है, जो कि हमारी सफलता मे एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है । यह किसी व्यक्ति की वह क्षमता है जिससे हम अपनी और दूसरों की भावनाओं को समझते हैं, उन्हें नियंत्रित करते हैं और उनका सही दिशा में उपयोग करते हैं।
इमोशनल इंटेलिजेंस क्या है?
वर्तमान समय मे इमोशनल इंटेलिजेंस वह कला है, जिसकी मदद से हम अपने और दूसरों के भावों को पहचानते और समझते है, स्वयं को प्रबंधित करना के साथ-साथ सकारात्मक रूप से व्यक्त करना आदि भी सीखते है।” यह केवल भावुक होना नहीं, बल्कि भावनाओं को समझदारी से नियंत्रित करने की भी कला है।
छात्र जीवन में इसकी भूमिका:- छात्रों के जीवन मे इमोशनल इंटेलिजेंस बेहद उपयोगी है। क्योंकि, इसकी मदद से वह अपने जीवन मे आने वाली चुनौतियों और परेशानियों का सामना सकारात्मक रूप से करने के साथ-साथ सरलता से उन चुनौतियों को हल करने की कला भी सीखते है। जैसे :- परीक्षा के तनाव से लड़ने, असफलता को स्वीकार करने, मित्रों और शिक्षकों से अच्छे संबंध बनाने, और खुद को प्रेरित करने में मदद करता है। छात्रों के जीवन मे इमोशनल इंटेलिजेंस के फ़ायदे।
1. पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन (Better Academic Performance):
जब आप अपनी feelings (जैसे डर, तनाव, comparison) को समझकर संभालते हैं, तो आपका focus और concentration बढ़ता है। इससे पढ़ाई में अच्छा रिजल्ट आता है।
2. परीक्षा का डर और तनाव कम होता है (Less Exam Stress):
EQ वाले छात्र exam के समय घबराने की बजाय calmly तैयारी करते हैं, जिससे performance improve होती है।
3. दोस्तों और शिक्षकों से अच्छे रिश्ते (Healthy Relationships):
जब आप empathy से बात करते हैं, दूसरों की feelings समझते हैं — तो दोस्ती और टीचर्स के साथ bonding मजबूत होती है।
4. सेल्फ-मोटिवेशन (Self-Motivation):
Emotionally intelligent छात्र खुद को motivate करना जानते हैं — चाहे result अच्छा न हो या कोई failure आ जाए।
5. Bullying या आलोचना से निपटने की शक्ति (Resilience Against Bullying or Criticism):
ऐसे छात्र emotionally strong होते हैं, इसलिए दूसरों की negative बातों को दिल से नहीं लगाते और calmly deal करते हैं।
6. समस्या सुलझाने की क्षमता (Better Problem Solving):
जब दिमाग शांत रहता है और भावनाओं पर काबू होता है, तब कठिनाइयों में भी समाधान ढूँढना आसान होता है।
7. नेतृत्व और टीमवर्क (Leadership & Teamwork):
EQ वाले छात्र दूसरों को motivate कर सकते हैं, group projects में अच्छा coordination करते हैं, और लीडर बनते हैं।
छात्र कैसे बढ़ा सकते हैं Emotional Intelligence? ऐसा नहीं कि छात्र Emotional Intelligence के स्तर (LEVEL)को बढ़ा नहीं सकते। कुछ अभ्यास और प्रयासों कि मदद से हर कोई छात्र Emotional Intelligence के स्तर (LEVEL) को सुधार सकता है।
- अपनी भावनाओं को नाम दें – जैसे "मैं दुखी हूँ", "मैं परेशान हूँ" – इससे आप उन्हें पहचान पाएंगे।
- जर्नल लिखें – रोज़ 5 मिनट के लिए दिन की feelings को लिखें।
- गहरी साँसें लें जब गुस्सा आए – impulse reaction से बचने के लिए।
- दूसरों की बात ध्यान से सुनें – समझने की कोशिश करें, जवाब देने की नहीं।
- आत्म-चिंतन (Self-reflection) – दिन खत्म होने पर सोचें कि आज आपने कैसा व्यवहार किया।
अंत मे हम यह कह सकते है कि, छात्रों के जीवन मे इमोशनल इंटेलिजेंस सफलता की एक ऐसी कुंजी है जो छात्रों कोअकादमिक गतिविधियों के साथ-साथ एक बेहतर इंसान बनाने में भी मदद करती है। यह गुण हमें स्वयं को समझने, दूसरों के प्रति संवेदनशील बनने और जीवन को अधिक संतुलित और सार्थक ढंग से जीने की राह दिखाता है। इसलिए, जितना ज़रूरी दिमाग को तेज़ बनाना है, उतना ही ज़रूरी है दिल की समझ को भी विकसित करना।
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