Monday, March 17, 2025

8 दिन की यात्रा मे गयी "सुनीता विलियम" को कैसे और क्यों अंतरिक्ष मे गुजारने पड़े 9 माह

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स से देश का हर एक नागरिक अच्छी तरह से परिचित है। लेकिन क्या आप सब  जानते है? 

  • सुनीता विलियम अभी तक कितनी बार अंतरिक्ष मे जा चुकी है? 
  • किन कारणों से मात्र 8 दिन कि अंतरिक्ष यात्रा, 9 महीने में बदल गयी?  
  • उनका पृथ्वी मे आने का निर्धारित समय क्या है?
  • पृथ्वी मे आने के पश्चात किस तरह के बदलाव उनके शरीर मे होने कि संभवना है?
  • उनके शरीर मे हुए बदलावों को सही करने के लिए नासा क्या करेगा?   



अंतरिक्ष यात्राएँ:

1️⃣ पहली अंतरिक्ष यात्रा (2006-07) – STS-116 मिशन

9 दिसंबर 2006 को स्पेस शटल डिस्कवरी से अंतरिक्ष गईं

ISS पर 195 दिन बिताए (उस समय की सबसे लंबी महिला अंतरिक्ष यात्रा)

4 बार स्पेसवॉक किया (Total: 29 घंटे 17 मिनट)

2️⃣ दूसरी अंतरिक्ष यात्रा (2012) – Expedition 32/33

15 जुलाई 2012 को रूसी Soyuz TMA-05M से स्पेस गईं

ISS पर 127 दिन बिताए

3 बार स्पेसवॉक किया (Total: 50 घंटे 40 मिनट, महिलाओं में सबसे ज्यादा)

ISS की कमांडर बनने वाली दूसरी महिला बनीं

3️⃣ तीसरी अंतरिक्ष यात्रा (2024-2025) – Boeing Starliner CFT मिशन

5 जून 2024 को Boeing Starliner से ISS(अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन)  गईं

तकनीकी खराबियों के कारण 9 महीने तक ISS में फंसी रहीं

अब 18 मार्च 2025 को धरती पर लौटने की योजना है

सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर 5 जून 2024 को Boeing Starliner कैप्सूल से ISS (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) गए थे। उनका मिशन सिर्फ 8 दिन का था, लेकिन तकनीकी खराबियों की वजह से वे 9 महीने तक वहीं फंसे रहे। 🚀😨

🚨 क्या समस्या हुई थी?

हेलियम लीक – स्टारलाइनर कैप्सूल में हेलियम गैस का रिसाव पाया गया, जो सिस्टम को ठीक से काम करने से रोक सकता था।

थ्रस्टर फेलियर – कैप्सूल के कुछ थ्रस्टर (इंजन) सही से काम नहीं कर रहे थे, जिससे उसका पृथ्वी पर सुरक्षित लौटना मुश्किल हो गया।

नासा की सुरक्षा चिंताएँ – नासा ने जबतक कैप्सूल को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना, तब तक उसे वापस लाने की अनुमति नहीं दी।

🚀 अब क्या होगा?

नासा और स्पेसएक्स की टीम ने Crew Dragon स्पेसक्राफ्ट से उनकी वापसी की योजना बनाई।

18 मार्च 2025 को वे स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से धरती पर लौटेंगे।

वे फ्लोरिडा के पास अटलांटिक महासागर में लैंडिंग करेंगे, जिसके बाद उनकी मेडिकल जांच होगी।

उनका पृथ्वी मे आने का निर्धारित समय क्या है?

सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर की पृथ्वी पर वापसी की योजना में कुछ बदलाव हुए हैं। नवीनतम जानकारी के अनुसार, वे 19 मार्च 2025 को सुबह 3:27 बजे (UTC) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से प्रस्थान करेंगे। 

यह समय भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार 19 मार्च 2025 को सुबह 8:57 बजे होता है।

पिछले कई समय से वहाँ रहने पर किस तरह की बदलाव उनके शरीर मे हो सकते है?

इससे पहले भी कई अंतरिक्ष यात्री 1 साल तक स्पेस में रहे चुके हैं, जैसे Scott Kelly और Mikhail Kornienko, और उनके शरीर पर भी ऐसे ही असर देखे गए थे। उसके आधार पर हम यह कह सकते है कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता हैं, क्योंकि वहाँ गुरुत्वाकर्षण (microgravity) बहुत कम होती है। सुनीता विलियम्स और उनके साथी 9 महीने से ISS पर हैं, जिससे उनके शरीर में कुछ बदलाव होने की संभावना है। 🚀🧑‍🚀

🏋️‍♀️ शारीरिक बदलाव जो हो सकते हैं:

1️⃣ हड्डियों की कमजोरी (Bone Density Loss)

गुरुत्वाकर्षण न होने से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं, क्योंकि उन पर भार नहीं पड़ता।

रिसर्च के मुताबिक, हर महीने 1-1.5% हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है।

ज़मीन पर लौटने के बाद हड्डियों को सामान्य होने में कई महीने लग सकते हैं।

2️⃣ मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle Atrophy)

अंतरिक्ष में भारहीनता की वजह से मांसपेशियों का उपयोग कम होता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।

इसलिए अंतरिक्ष यात्री रोज़ाना 2 घंटे तक एक्सरसाइज करते हैं ताकि मांसपेशियों को बचाया जा सके।

3️⃣ दिल का आकार बदलना (Heart Shrinkage)

कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से दिल पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती, जिससे उसका आकार थोड़ा सिकुड़ सकता है।

ज़मीन पर वापस आने के बाद इसे सामान्य होने में समय लगता है।

👀 संवेदी और तंत्रिका तंत्र पर असर:

4️⃣ दिशा और संतुलन की समस्या (Balance Issues)

धरती पर लौटते ही उन्हें खड़े होने और चलने में कठिनाई हो सकती है।

शुरुआती कुछ दिनों तक उन्हें "Space Legs" की समस्या होगी, यानी शरीर गुरुत्वाकर्षण में एडजस्ट होने में समय लेगा।

5️⃣ दृष्टि पर असर (Vision Changes)

माइक्रोग्रैविटी की वजह से आँखों की पृष्ठभूमि में फ्लूइड का दबाव बढ़ जाता है, जिससे दृष्टि थोड़ी धुंधली हो सकती है।

कई अंतरिक्ष यात्रियों ने लौटने के बाद नजर कमजोर होने की शिकायत की है।

🧠 मानसिक और भावनात्मक असर:

6️⃣ नींद की समस्या (Sleep Disorders)

अंतरिक्ष में दिन-रात का चक्र नहीं होता, जिससे जैविक घड़ी (Biological Clock) गड़बड़ा सकती है।

धरती पर लौटने के बाद सही समय पर सोने और जागने में दिक्कत हो सकती है।

7️⃣ मूड स्विंग और मानसिक तनाव (Mood Swings & Stress)

9 महीने तक सीमित जगह में रहने और पृथ्वी से दूर होने की वजह से मानसिक दबाव बढ़ सकता है।

हालांकि, अंतरिक्ष यात्री इस स्थिति के लिए ट्रेनिंग लेते हैं, जिससे वे इसे बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।

🌍 धरती पर लौटने के बाद क्या होगा?

सुनीता विलियम्स और उनके साथी को हफ़्तों तक फिजिकल थेरेपी और मेडिकल जांच से गुजरना होगा।

उनके शरीर को फिर से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में ढलने में कुछ महीने तक का समय लग सकता है।

नासा इस मिशन से मिले डेटा का इस्तेमाल भविष्य में चंद्रमा और मंगल मिशन को बेहतर बनाने में करेगा।

उनके शरीर मे हुए बदलावों को सही करने के लिए नासा क्या करेगा?   

  • सुनीता विलियम्स 9 महीने तक माइक्रोग्रैविटी (microgravity) में रहीं, जिससे उनके शरीर में कई बदलाव हुए होंगे, जैसे हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी, संतुलन की समस्या, और दृष्टि परिवर्तन। 🌍🔬
  • धरती पर लौटने के बाद, नासा उनके शरीर को सामान्य स्थिति में लाने के लिए "रीहैबिलिटेशन (Rehabilitation)" की प्रक्रिया अपनाएगा।

1. मेडिकल जांच (Medical Checkups)

  • उनकी हड्डियों, मांसपेशियों, हृदय, और तंत्रिका तंत्र की विस्तृत जांच होगी।
  • रक्त परीक्षण और MRI स्कैन से यह देखा जाएगा कि शरीर में क्या बदलाव आए हैं।
  • अंतरिक्ष यात्रा के बाद इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, इसलिए डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर नज़र रखेगी।

🏋️‍♀️ 2. एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी (Physical Therapy & Exercise)

  • हड्डियों और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए वे रोज़ाना वजन उठाने (Weight Training), स्ट्रेचिंग, और कार्डियो एक्सरसाइज करेंगी।
  • पानी में एक्सरसाइज (Aquatic Therapy) से उनका शरीर गुरुत्वाकर्षण में फिर से ढलने लगेगा।
  • बैलेंस ट्रेनिंग (Balance Training) से चलने और दौड़ने की क्षमता को सुधारा जाएगा।

🦴 3. हड्डियों की मजबूती के लिए डाइट (Bone Strength Diet)

  • कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार दिया जाएगा ताकि हड्डियों की ताकत वापस आए।
  • प्रोटीन युक्त आहार और सप्लीमेंट्स से मांसपेशियों को फिर से मजबूत किया जाएगा।

🧠 4. मानसिक स्वास्थ्य और नींद सुधार (Mental Health & Sleep Adjustment)

  • स्पेस में सोने-जागने के पैटर्न में बदलाव आता है, इसलिए लाइट थेरेपी और स्लीप थेरेपी से उनकी नींद सही की जाएगी।
  • लंबे समय तक अलग-थलग रहने की वजह से मानसिक तनाव हो सकता है, इसलिए मनोवैज्ञानिक (Psychologists) उनकी मानसिक स्थिति पर नज़र रखेंगे।

👀 5. दृष्टि और तंत्रिका तंत्र की रिकवरी (Vision & Nervous System Recovery)

  • आँखों की दृष्टि पर असर पड़ा हो सकता है, इसलिए आई टेस्ट और विज़न थेरेपी कराई जाएगी।
  • स्पेस सिकनेस (सिर घूमना, संतुलन खोना) से बचने के लिए संतुलन और मोटर स्किल्स ट्रेनिंग दी जाएगी।

⏳ कितना समय लगेगा? 

9 महीने की अंतरिक्ष यात्रा के पश्चात पृथ्वी के वातावरण मे समायोजन करना इतना आसान नहीं होगा। इसके लिए  नासा द्वारा उन्हे पुनर्वास (Rehabilation) मे रखा जायेगा। 

  • पहले कुछ हफ्तों में वे ठीक से चलने-फिरने लगेंगी।
  • 3-6 महीनों में हड्डियाँ और मांसपेशियाँ काफी हद तक सामान्य हो जाएंगी।
  • पूरी तरह से रिकवरी में 1 साल तक लग सकता है।
हम उम्मीद करते है कि आपको इस लेख के द्वारा उपलब्ध जानकारी रोचक लगी होगा। अगर आप इसी तरह के अन्य विषय के बारे मे जानना चाहते है तो आप कमेंट सेक्शन के जरिये हम तक अपने विषय और प्रश्न पूछ सकते है।  

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