Eating Disorder (भोजन विकार) एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति के खाने की आदतें असामान्य हो जाती हैं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह समस्या आमतौर पर शरीर की छवि (body image), वजन और खाने को लेकर अत्यधिक चिंता करने के कारण होती है।
प्रमुख प्रकार के ईटिंग डिसऑर्डर:
एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia Nervosa)
- व्यक्ति खुद को अत्यधिक पतला (underweight) मानता है, भले ही उसका वजन सामान्य या कम हो।
- बहुत कम भोजन करता है और वजन बढ़ने से डरता है।
- अत्यधिक व्यायाम कर सकता है या भूखा रह सकता है।
बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa)
- व्यक्ति पहले बहुत अधिक खाना खाता है (binge eating) और फिर इसे उल्टी करके, अत्यधिक व्यायाम करके या दवाइयों से शरीर से निकालने की कोशिश करता है।
- खाने पर नियंत्रण नहीं रहता और बाद में अपराधबोध महसूस होता है।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर (Binge Eating Disorder - BED)
- व्यक्ति कम समय में बहुत अधिक खाना खा लेता है, लेकिन उसे निकालने की कोशिश नहीं करता।
- खाने पर नियंत्रण नहीं रहता और बाद में ग्लानि (guilt) महसूस होती है।
- मोटापे (obesity) और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
कारण:
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ (डिप्रेशन, एंग्जायटी)
- कम आत्म-सम्मान (Low self-esteem)
- बचपन का कोई ट्रॉमा
- सामाजिक दबाव (स्लिम दिखने की चाह)
- जेनेटिक कारण
इलाज:
- काउंसलिंग और थेरेपी (जैसे CBT - Cognitive Behavioral Therapy)
- पोषण विशेषज्ञ (Dietitian) की मदद
- दवाइयाँ (यदि ज़रूरी हो)
- सपोर्ट ग्रुप और परिवार का सहयोग
अगर आपको या किसी को यह समस्या हो रही है, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना ज़रूरी है।
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